प्रमुख रचनाकार MCQ Quiz - Objective Question with Answer for प्रमुख रचनाकार - Download Free PDF

Last updated on Jul 10, 2025

Latest प्रमुख रचनाकार MCQ Objective Questions

प्रमुख रचनाकार Question 1:

कौन सी रचना सुमित्रानंदन पंत की है? 

  1. गुंजन 
  2. अनामिका
  3. पंचवटी 
  4. नीरजा 
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : गुंजन 

प्रमुख रचनाकार Question 1 Detailed Solution

दिए गए सभी विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 1 ‘गुंजन’ है। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर होंगे।

Key Points

  • दिए गए विकल्पों में ‘गुंजन’ रचना सुमित्रानंदन पंत की।
  • सुमित्रानंदन पंत जी हिन्दी साहित्य के छात्रावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक थे।
  • सुमित्रानंदन पंत जी को हिन्दी साहित्य का ‘वर्डस्वर्थ’ भी कहा गया।
  • उनकी महत्वपूर्ण रचनाओं में उच्छ्वास, ज्योत्सना, पल्लव, स्वर्णधूलि, वीणा, युगांत, गुंजन, ग्रंथि, मेघनाद वध (कविता संग्रह), ग्राम्‍या, मानसी, हार (उपन्यास),  युगवाणी, स्वर्णकिरण, युगांतर, काला और बूढ़ा चाँद, अतिमा, उत्तरा, लोकायतन, मुक्ति यज्ञ, अवगुंठित, युग पथ, सत्यकाम, शिल्पी, सौवर्ण, चिदम्बरा, पतझड़, रजतशिखर, तारापथ, आदि शामिल हैं।

अन्य विकल्प:

  1. अनामिका – सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
  2. पंचवटी – मैथिलीशरण गुप्त
  3. नीरजा – महादेवी वर्मा

Additional Information

रचनाकार

रचनाएँ

सूर्यकांत त्रिपाठी

परिमल, गीतिका, कुकुरमुत्ता, अणिमा, राम की शक्ति पूजा, सरोज-स्मृति, बेला, आराधना आदि।

मैथिलीशरण गुप्त

साकेत, भारत-भारती, यशोधरा, द्वापर, जयद्रथ-वध, गीत, नहुष आदि।

महादेवी वर्मा

नीहार, यामा, रश्मि, सप्तपर्णा, सांध्यगीत, दीपशिखा आदि।

प्रमुख रचनाकार Question 2:

जयशंकर प्रसाद जी की पहली कहानी कौन-सी थी?

  1. गुंडा
  2. सालवती
  3. ग्राम
  4. मछुआ
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : ग्राम

प्रमुख रचनाकार Question 2 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में से विकल्प 'ग्राम' सही है अन्य विकल्प सही विकल्प नही हैं अतः सही विकल्प 3 ग्राम है 

Key Points

  • सन्‌ 1912 ई.में 'इन्दु' में उनकी पहली कहानी 'ग्राम' प्रकाशित हुई। 
  • जयशंकर प्रसाद हिन्दी कवि, नाटककार, कहानीकार, उपन्यासकार तथा निबन्ध-लेखक थे। जयशंकर प्रसाद जी  एक युगप्रवर्तक लेखक थे जिन्होंने एक ही साथ कविता, नाटक, कहानी और उपन्यास के क्षेत्र में हिन्दी को गौरवान्वित होने योग्य कृतियाँ दीं।
  • प्रसाद की काव्य रचनाएँ दो वर्गो में विभक्त है : काव्यपथ अनुसंधान की रचनाएँ और रससिद्ध रचनाएँ। 'चित्राधार' से लेकर 'झरना' तक प्रथम वर्ग की रचनाएँ हैं, जबकि 'आँसू', 'लहर' तथा 'कामायनी' दूसरे वर्ग की रचनाएँ हैं।

Additional Information

  • जयशंकर प्रसाद की प्रमुख कहानियाँ - देवदासी, बिसाती, प्रणय-चिह्न, नीरा, शरणागत, चंदा, गुंडा, स्वर्ग के खंडहर में, पंचायत, जहांआरा, मधुआ, उर्वशी, इंद्रजाल, गुलाम आदि।  उनके कहानी संग्रह हैं: छाया, प्रतिध्वनि, आकाशदीप, आंधी और इन्द्रजाल । 
  • जयशंकर प्रसाद को 'कामायनी' पर मंगलाप्रसाद पारितोषिक प्राप्त हुआ था।

 

प्रमुख रचनाकार Question 3:

भारतेन्दु युगीन कौन-सा कवि 'भूप' उपनाम से कविता लिखता था ?

  1. लाला सीताराम
  2. राय देवीप्रसाद 'पूर्ण'
  3. श्री वियोगी हरि
  4. ठाकुर जगमोहन सिंह

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : लाला सीताराम

प्रमुख रचनाकार Question 3 Detailed Solution

भारतेन्दु युगीन लाला सीताराम कवि 'भूप' उपनाम से कविता लिखता था। 

Key Points

  • इस पुरानी धारा के भीतर लाला सीताराम बी॰ ए॰ के पद्यानुवादों को भी लेना चाहिए।
  • ये कविता में अपना 'भूप' उपनाम रखते थे।
  • 'रघुवंश' का अनुवाद इन्होंने दोहा-चौपाइयों में और 'मेघदूत' का घनाक्षरी में किया है।

Important Pointsवियोगी हरि-

  • जन्म-1896-1988 ई. 
  •  हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध साहित्यकार थे।
  • वे आधुनिक ब्रजभाषा के प्रमुख कवि, हिन्दी के सफल गद्यकार, गाँधीवादी और एक समाज सेवी संत थे।
  • रचनाएँ-
    • साहित्य विहार(1922 ई.)
    • छद्मयोगिनी नाटिका(1922 ई.)
    • ब्रज माधुरी सार(1923 ई.)
    • वीर-सतसई(1927 ई.) आदि।
    •  
    •  
    • ठाकुर जगमोहन सिंह-

    • जन्म-1857-1899 ई. 
    • भारतेन्दु युगीन कवि है। 
    • रचनाएँ-
      • प्रेमसंपत्तिलता(1885 ई.)
      • श्यामलता(1885 ई.)
      • श्यामा सरोजिनी(1886 ई.)
      • ऋतु संहार(1876 ई.) आदि। 

राय देवीप्रसाद पूर्ण-

  • जन्म-1873-1920 ई. 
  • द्विवेदीयुगीन कवि है। 
  • रचनाएँ-
    • स्वदेशी कुंडल(1910 ई.)
    • मृत्युंजय(1904 ई.)
    • अमलतास 
    • धाराधरधावन आदि। 

प्रमुख रचनाकार Question 4:

‘विन्ध्य कोकिल' की उपाधि से विभूषित किया गया है :

  1. कृष्णानंद व्यास
  2. भैयालाल व्यास
  3. शंकरलाल शुक्ल
  4. माधव शुक्ल

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : भैयालाल व्यास

प्रमुख रचनाकार Question 4 Detailed Solution

‘विन्ध्य कोकिल' की उपाधि से विभूषित किया गया है- भैयालाल व्यास

Key Pointsभैयालाल व्यास-

  • जन्म- 1920 ई. (दतिया), मध्यप्रदेश 
  • आपका गद्य एवं पद्य पर समान अधिकार था।

  • जीवन के क्रम, आगपानी, साँझ - सकारे, विजयादशमी, पुन्यभूमि बुंदेलखंड, देश के देवता, जागा मेरा देश, जिंदगी की राह पर, तुम मत रोना जैसी काव्य कृतियाँ साहित्य की धरोहर हैं।

Important Points

कृष्णानंद व्यास-

  • कृष्णानंद व्यास की रचनाएँ 'राग कल्पद्रुम' तथा 'राग रत्नाकर' में संग्रहित हैं।

शंकरलाल शुक्ल-

  • जन्म- 1913 ई.  

माधव शुक्ल-

  • जन्म- 1881- 1943 ई. 
  • इनकी राष्ट्रीय कविताओं के दो संग्रह 'भारत गीतंजलि' और 'राष्ट्रीय गान' जब प्रकाशित हुए तो हिंदी पाठकवर्ग ने उनका सोत्साह स्वागत किया।
  • बहुत इधर आकर भारत और चीन में युद्ध छिड़ने पर इनकी राष्ट्रीय कविताओं का संकलन 'उठो हिंद संतान' नाम से प्रकाशित हुआ था।
  • इन्होंने जौनपुर और लखनऊ में नाटक मंडलियाँ स्थापित की थीं अैर कलकत्ते में हिंदी-नाट्य-परिषद् की प्रतिष्ठा की थी। 

प्रमुख रचनाकार Question 5:

'साहित्य दर्पण' नामक ग्रंथ के रचयिता कौन हैं?

  1. पंडित जगन्नाथ
  2. आचार्य विश्वनाथ
  3. तुलसीदास
  4. भरतमुनि
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : आचार्य विश्वनाथ

प्रमुख रचनाकार Question 5 Detailed Solution

'साहित्य दर्पण' नामक ग्रंथ के रचयिता हैं - आचार्य विश्वनाथ

Key Points

  • 'साहित्य दर्पण' नामक ग्रंथ के रचयिता आचार्य विश्वनाथ हैं।
  • यह संस्कृत का एक महत्वपूर्ण काव्यशास्त्र ग्रंथ है जिसमें साहित्य और उसके तत्वों का विस्तार से विश्लेषण किया गया है।
  • 'साहित्य दर्पण' में साहित्य के विभिन्न तत्वों, जैसे- काव्य के विभिन्न प्रकार, अलंकार, रस, ध्वनि,
  • रीति और नायिका-भेद जैसे साहित्यिक विधाओं का विस्तार से वर्णन किया गया है।
  • इस ग्रंथ में कुल दस अध्याय (परीक्षा) हैं, जिनमें साहित्य के विभिन्न पक्षों को समाहित किया गया है।
  • आचार्य विश्वनाथ का समय लगभग 13वीं-14वीं शताब्दी माना जाता है।
  • आचार्य विश्वनाथ ने इस ग्रंथ में काव्य, नाटक, अलंकार, रस और साहित्यिक विधाओं के विभिन्न पहलुओं को वर्णित किया है,
  • जो भारतीय साहित्यशास्त्र के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

Important Pointsकुछ प्रमुख साहित्यशास्त्रीय ग्रंथ और उनके रचनाकार हैं:

  1. 'नाट्यशास्त्र' - भरतमुनि

    • यह भारतीय नाट्यकला और प्रदर्शन कला पर एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्राचीन ग्रंथ है।
    • इसमें नाट्य, अभिनय, संगीत, नृत्य, आदि से संबंधित विस्तृत सिद्धांत और विधान दिए गए हैं।
  2. 'ध्वन्यालोक' - आनंदवर्धन

    • यह ग्रंथ "ध्वनि" सिद्धांत पर आधारित है, जो काव्य में ध्वनि (सुझाव) के महत्व को स्पष्ट करता है।
    • आनंदवर्धन ने काव्य की प्रभावशीलता और सुंदरता को ध्वनि के सिद्धांत के माध्यम से विश्लेषित किया।
  3. 'काव्यालंकार' - भामह

    • यह ग्रंथ काव्य में अलंकारों (आभूषणों) के महत्व और उनकी विभिन्न प्रकारों की चर्चा करता है।
    • इसमें काव्यशास्त्र के कई सिद्धांतों का भी विवेचन किया गया है।
  4. 'साहित्यदर्पण' - विश्वनाथ कवीराज:

    • इस ग्रंथ में काव्यशास्त्र के विभिन्न पहलुओं का विस्तृत समालोचनात्मक विवेचन किया गया है।
    • यह संस्कृत काव्यशास्त्र का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है।
  5. 'काव्यप्रकाश' - मम्मट

    • काव्यप्रकाश एक विस्तृत काव्यशास्त्र ग्रंथ है
    • जो काव्य के विभिन्न तत्वों जैसे रस, अलंकार, ध्वनि, रीति, गुण-दोष इत्यादि का स्पष्ट और व्यवस्थित विवेचन करता है।
  6. 'साहित्यमीमांसा' - कुंतक

    • इस ग्रंथ ने "वक्रोक्ति" सिद्धांत को प्रस्तुत किया, जिसमें काव्य में वक्रता (इन्द्रियज्यत्व और सूक्ष्मता) के महत्व के बारे में चर्चा की गई है।
  7. 'रसगंगाधर' - पंडितराज जगन्नाथ

    • यह ग्रंथ काव्य में रस (भाव) के सिद्धांत और विभिन्न रसों की विशेषताओं पर गहन चिकित्सा करता है।
    • इसके अलावा, इसमें काव्यलालित्य और अलंकारों की विस्तृत व्याख्या की गई है।
  8. 'ध्वन्यलोकलोचन' - आलोचक

    • यह ग्रंथ आनंदवर्धन के ध्वन्यालोक पर किया गया व्याख्या और विस्तार है, जिससे ध्वनि सिद्धांत की गहरी समझ प्राप्त होती है।

Additional Informationगोस्वामी तुलसीदास-

  • जन्म - 1511 - 1623 ई.
  • हिन्दी साहित्य के महान सन्त कवि थे।
  • मुख्य रचनाएँ- 
    • कृष्ण-गीतावली (1571 ई.)
    • रामचरितमानस (1574 ई.)
    • पार्वती-मंगल (1582 ई.)
    • विनय-पत्रिका (1582 ई.)
    • जानकी-मंगल (1582 ई.)
    • रामललानहछू (1582 ई.)
    • वैराग्यसंदीपनी (1612 ई.)

Top प्रमुख रचनाकार MCQ Objective Questions

'रंगभूमि' किस प्रसिद्ध लेखक द्वारा रचित उपन्‍यास है ?

  1. प्रेमचंद
  2. हरिशंकर परसाई
  3. धर्मवीर भारती
  4. विष्‍णु शर्मा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : प्रेमचंद

प्रमुख रचनाकार Question 6 Detailed Solution

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'रंगभूमि' प्रेमचंद द्वारा रचित उपन्यास है। अत: सही उत्तर विकल्प 2 प्रेमचंद है। 

Key Points

  • रंगभूमि लेखक-मुंशी प्रेमचंद की  पूँजीवाद के साथ जनसंघर्ष व बदलाव की महान गाथा है। प्रेमचंद (1880-1936) का पूरा साहित्य, भारत के आम जनमानस की गाथा है। विषय, मानवीय भावना और समय के अनंत विस्तार तक जाती इनकी रचनाएँ इतिहास की सीमाओं को तोड़ती हैं, और कालजयी कृतियों में गिनी जाती हैं। रंगभूमि (1924-1925) उपन्यास ऐसी ही कृति है।
  • नौकरशाही तथा पूँजीवाद के साथ जनसंघर्ष का ताण्डव, सत्य, निष्ठा और अहिंसा के प्रति आग्रह, ग्रामीण जीवन में उपस्थित मध्यपान तथा स्त्री दुर्दशा का भयावह चित्र यहाँ अंकित है।
  • परतंत्र भारत की सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक और आर्थिक समस्याओं के बीच राष्ट्रीयता की भावना से परिपूर्ण यह उपन्यास लेखक के राष्ट्रीय दृष्टिकोण को बहुत ऊँचा उठाता है।
  • देश की नवीन आवश्यकताओं, आशाओं की पूर्ति के लिए संकीर्णता और वासनाओं से ऊपर उठकर निःस्वार्थ भाव से देश सेवा की आवश्यकता उन दिनों सिद्दत से महसूस की जा रही थी।

  • रंगभूमि की पूरी कथा इन्हीं भावनाओं और विचारों में विचरती है। कथानायक सूरदास का पूरा जीवनक्रम, यहाँ तक कि उसकी मृत्यु भी, राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की छवि लगती है। सूरदास की मृत्यु भी समाज को एक नई संगठन-शक्ति दे गई।
  • विविध स्वभाव, वर्ग, जाति, पेशा एवं आय वित्त के लोग अपने-अपने जीवन की क्रीड़ा इस रंगभूमि में किये जा रहे हैं। और लेखक की सहानुभूति सूरदास के पक्ष में बनती जा रही है।
  • पूरी कथा गाँधी दर्शन, निष्काम कर्म और सत्य के अवलंबन को रेखांकित करती है। यह संग्रहणीय पुस्तक कई अर्थो में भारतीय साहित्य की धरोहर है।

Additional Information

अन्य विकल्प -​

नाकार

परिचय

प्रमुख रचनाएँ

हरिशंकर परसाई 

हरिशंकर परसाई (२२ अगस्त, १९२४ - १० अगस्त, १९९५) हिंदी के प्रसिद्ध लेखक और व्यंगकार थे।  वे हिंदी के पहले रचनाकार हैं जिन्होंने व्यंग्य को विधा का दर्जा दिलाया और उसे हल्के–फुल्के मनोरंजन की परंपरागत परिधि से उबारकर समाज के व्यापक प्रश्नों से जोड़ा।

आंखन देखि, देश के दौर में आदि।

धर्मवीर भारती 

धर्मवीर भारती आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक, कवि, नाटककार और सामाजिक विचारक थे। वे एक समय की प्रख्यात साप्ताहिक पत्रिका धर्मयुग के प्रधान संपादक भी थे। डॉ धर्मवीर भारती को पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उनका उपन्यास गुनाहों का देवता सदाबहार रचना मानी जाती है। 

मुर्दों का गाँव, स्वर्ग और पृथ्वी, चाँद और टूटे हुए लोग, बंद गली का आखिरी मकान, ठंडा लोहा, सात गीत वर्ष, कनुप्रिया,  गुनाहों का देवता, सूरज का सातवां घोड़ा, अँधा युग आदि।

विष्णु शर्म 

पं॰ विष्णु शर्मा प्रसिद्ध संस्कृत नीतिपुस्तक पंचतन्त्र के रचयिता थे। नीतिकथाओं में पंचतन्त्र का पहला स्थान है। वे दक्षिण भारत के महिलारोप्य नामक नगर में रहते थे।

पंचतंत्र


Additional Information

प्रेमचंद  का परिचय - 

  • धनपत राय श्रीवास्तव (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936) जो नाम से जाने जाते हैं, वो हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे।
  • उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं।
  • उन्होंने हिंदी समाचार पत्र जागरण  तथा साहित्यिक पत्रिका हंस का संपादन और प्रकाशन भी किया।
  •  हिंदी कहानी तथा उपन्यास के क्षेत्र में 1918 से 1936 तक के कालखंड (कालखण्ड) को 'प्रेमचंद युग' या 'प्रेमचन्द युग' कहा जाता है।

इनमें से नागार्जुन द्वारा रचित कौन-सी नहीं है?

  1. उस जनपद का कवि हूँ
  2. बादलों को घिरते देखा है
  3. तुमने कहा था
  4. पुरानी जूतियों का कोरस

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : उस जनपद का कवि हूँ

प्रमुख रचनाकार Question 7 Detailed Solution

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उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 1 उस जनपद का कवि हूँ इसका सही उत्तर है। अन्य विकल्प इसके सही उत्तर नहीं हैं।

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  • नागार्जुन की पहली हिन्दी रचना 'राम के प्रति' नामक कविता थी
  • जो 1934 ई० में लाहौर से निकलने वाले साप्ताहिक 'विश्वबन्धु' में छपी थी।
  • नागार्जुन द्वारा रचित और भी बहुत सी कृतियाँ  हैं =
  • युगधारा
  • सतरंगे पंखो वाली
  •  प्यासी पथारी आँखें
  •  तालाब की मछलियां
  •  चन्दना
  •  खिचड़ी विप्लव देखा हमने

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उस जनपद का कवि हूँ कविता  'त्रिलोचन' की है|

मैथिली भाषा के प्रसिद्ध कवि कौन हैं? 

  1. विद्यापति
  2. तुलसीदास
  3. जायसी
  4. बिहारीलाल

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : विद्यापति

प्रमुख रचनाकार Question 8 Detailed Solution

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मैथिली भाषा के प्रसिद्ध कवि विद्यापति हैं।

अन्य सभी विकल्प असंगत है।

Key Points

  • विद्यापति भारतीय साहित्य की 'शृंगार-परम्परा' के साथ-साथ 'भक्ति-परम्परा' के प्रमुख स्तंभों मे से एक और मैथिली के सर्वोपरि कवि के रूप में जाने जाते हैं।  
  • इनके काव्यों में मध्यकालीन मैथिली भाषा के स्वरूप का दर्शन किया जा सकता है।
  • इन्हें वैष्णव , शैव और शाक्त भक्ति के सेतु के रूप में भी स्वीकार किया गया है।
  • मिथिला के लोगों को 'देसिल बयना सब जन मिट्ठा' का सूत्र दे कर इन्होंने उत्तरी-बिहार में लोकभाषा की जनचेतना को जीवित करने का महान प्रयास किया है।
  • विद्यापति का जन्म स्थान बिहार माना जाता है।
  • इनके गुरु का नाम पंडित हरि मिश्र है।

Additional Information

  • अन्य विकल्पों के बारे में:-
रचनाकार  रचना
तुलसीदास विनय-पत्रिका, कृष्ण-गीतावली, बरवै रामायण, दोहावली और कवितावली आदि।
जायसी पद्मावत,अखरावट,सखरावत,चंपावत,इतरावत,मटकावत आदि।
बिहारीलाल बिहारी-सतसई आदि।

 

माखनलाल चतुर्वेदी को किस पुस्तक के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था?

  1. भूले-बिसरे चित्र
  2. मिट्टी की बारात
  3. हिमतरंगिनी
  4. बुनी हुई रस्सी
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : हिमतरंगिनी

प्रमुख रचनाकार Question 9 Detailed Solution

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माखनलाल चतुर्वेदी को हिमतरंगिनी पुस्तक के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था. 

Key Pointsमाखनलाल चतुर्वेदी-

  • जन्म- 1889-1968 ई. 
  • हिंदी साहित्य के ख्यातिप्राप्त कवि, लेखक और पत्रकार थे जिनकी रचनाएँ अत्यंत लोकप्रिय हुईं।
  • सरल भाषा और ओजपूर्ण भावनाओं के वे अनूठे हिंदी रचनाकार थे। 
  • प्रमुख रचनाएँ-
    • कृष्णार्जुन युद्ध' (1918 ई.)
    • हिमकिरीटिनी' (1941 ई.)
    • साहित्य देवता' (1942 ई.)
    • हिमतरंगिनी' (1948 ई.)
    • माता (1952 ई.)आदि।

Additional Informationभूले बिसरे चित्र-

  • रचनाकार- भगवतीचरण वर्मा
  • विधा-उपन्यास
  • विषय-
    • तीन पीढ़ियों के मध्य आये बदलाव को चित्रित किया गया है। 

Important Pointsभगवतीचरण वर्मा-

  • जन्म-1903-1981 ई. 
  • उपन्यास-
    • पतन(1928 ई.)
    • तीन वर्ष(1936 ई.)
    • प्रश्न और मरीचिका(1973 ई.) आदि।

भवानीप्रसाद मिश्र-

  • जन्म- 1913 - 1985 ईo
  • काव्य कृतियाँ-  
    • गीत फरोश (1956)
    • चकित है दुख (1968)
    • अँधेरी कविताएँ (1968)
    • गांधी पंचशती (1969)
    • बुनी हुई रस्सी (1971)
    • खुशबू के शिलालेख (1973)

शिवमंगल सिंह 'सुमन' -

  • जन्म - 1915 - 2002 ई.
  • एक प्रसिद्ध हिंदी कवि और शिक्षाविद थे।
  • कविता संग्रह -
    • हिल्लोल -(1939 ई.)
    • जीवन के गान -(1942 ई.)
    • युग का मोल -(1945 ई.)
    • मिट्टी की बारात (1972 ई.)
    • वाणी की व्यथा (1980 ई.)
    • कटे अँगूठों की वंदनवारें (1991 ई.) आदि। 

निम्नलिखित में से कौन-सी रचना पुष्पदन्त की नहीं है?

  1. महापुराण 
  2. जय कुमार चरिउ
  3. जसहर-चरिउ
  4. पम चरिउ 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : पम चरिउ 

प्रमुख रचनाकार Question 10 Detailed Solution

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  • जसहर-चरिउ, जय कुमार चरिउ तथा महापुराण पुष्पदंत की रचनाएँ है। जबकि पउमचरिउ नहीं है। अत: सही विकल्प 4 "पउमचरिउहै।

Key Points 

  • रामकथा पर आधारित अपभ्रंश का एक महाकाव्य:- पउमचरिउ है।
  • जिसके रचयिता जैन कवि स्वयंभू (सत्यभूदेव) हैं। 
  • स्वयम्भू की यह रचना इनके पुत्र ने पूर्ण की थी।

'मारीशस का प्रेमचंद' किसे कहा जाता है?

  1. प्रेमचंद मूली
  2. अभिमन्यु अनत
  3. बिहारी बेखबर
  4. दीपचंद बिहारी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अभिमन्यु अनत

प्रमुख रचनाकार Question 11 Detailed Solution

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सही उत्तर है - अभिमन्यु अनत। 

Key Pointsअभिमन्यु अनत -- (1937 - 1918)

  • मॉरीशस के हिन्दी कथा-साहित्य के सम्राट हैं।
  • उनका जन्म 9 अगस्त 1937 को मॉरीशस के उत्तर प्रान्त में स्थित त्रियोले गांव में हुआ।
  • अभिमन्यु का मूल भारत की ही मिट्टी है ।
  • इनके पूर्वज अन्य भारतीयों के साथ अंग्रेजों द्वारा वहां गन्ने की खेती में श्रम करने के लिए लाए गए थे।
  • मजदूरों के रूप में गए भारतीय वहीं पर बस गए। 
  • इन्हें मॉरीशस  का उपन्यास सम्राट कहा जाता है । 
  • लाल पसीना इनका कालजयी महाकाव्यात्मक उपन्यास है।

Additional Information 
कविता संग्रह --

  • कैक्टस के दांत
  • नागफनी में उलझी सांसे
  • नाटक --
    • गूंगा इतिहास
    • देख कबीरा हंसी
  • कहानी संग्रह -- 
    • इंसान और मशीन
    • अब कल आएगा यमराज 
  • लघु उपन्यास --
    • लहरों की बेटी
    • एक बीघा प्यार
    • कुहासे का दायरा
  • महाकाव्यात्मक उपन्यास --
    • लाल पसीना

भारतेन्दु युगीन कौन-सा कवि 'भूप' उपनाम से कविता लिखता था ?

  1. लाला सीताराम
  2. राय देवीप्रसाद 'पूर्ण'
  3. श्री वियोगी हरि
  4. ठाकुर जगमोहन सिंह

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : लाला सीताराम

प्रमुख रचनाकार Question 12 Detailed Solution

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भारतेन्दु युगीन लाला सीताराम कवि 'भूप' उपनाम से कविता लिखता था। 

Key Points

  • इस पुरानी धारा के भीतर लाला सीताराम बी॰ ए॰ के पद्यानुवादों को भी लेना चाहिए।
  • ये कविता में अपना 'भूप' उपनाम रखते थे।
  • 'रघुवंश' का अनुवाद इन्होंने दोहा-चौपाइयों में और 'मेघदूत' का घनाक्षरी में किया है।

Important Pointsवियोगी हरि-

  • जन्म-1896-1988 ई. 
  •  हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध साहित्यकार थे।
  • वे आधुनिक ब्रजभाषा के प्रमुख कवि, हिन्दी के सफल गद्यकार, गाँधीवादी और एक समाज सेवी संत थे।
  • रचनाएँ-
    • साहित्य विहार(1922 ई.)
    • छद्मयोगिनी नाटिका(1922 ई.)
    • ब्रज माधुरी सार(1923 ई.)
    • वीर-सतसई(1927 ई.) आदि।
    •  
    •  
    • ठाकुर जगमोहन सिंह-

    • जन्म-1857-1899 ई. 
    • भारतेन्दु युगीन कवि है। 
    • रचनाएँ-
      • प्रेमसंपत्तिलता(1885 ई.)
      • श्यामलता(1885 ई.)
      • श्यामा सरोजिनी(1886 ई.)
      • ऋतु संहार(1876 ई.) आदि। 

राय देवीप्रसाद पूर्ण-

  • जन्म-1873-1920 ई. 
  • द्विवेदीयुगीन कवि है। 
  • रचनाएँ-
    • स्वदेशी कुंडल(1910 ई.)
    • मृत्युंजय(1904 ई.)
    • अमलतास 
    • धाराधरधावन आदि। 

‘विन्ध्य कोकिल' की उपाधि से विभूषित किया गया है :

  1. कृष्णानंद व्यास
  2. भैयालाल व्यास
  3. शंकरलाल शुक्ल
  4. माधव शुक्ल

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : भैयालाल व्यास

प्रमुख रचनाकार Question 13 Detailed Solution

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‘विन्ध्य कोकिल' की उपाधि से विभूषित किया गया है- भैयालाल व्यास

Key Pointsभैयालाल व्यास-

  • जन्म- 1920 ई. (दतिया), मध्यप्रदेश 
  • आपका गद्य एवं पद्य पर समान अधिकार था।

  • जीवन के क्रम, आगपानी, साँझ - सकारे, विजयादशमी, पुन्यभूमि बुंदेलखंड, देश के देवता, जागा मेरा देश, जिंदगी की राह पर, तुम मत रोना जैसी काव्य कृतियाँ साहित्य की धरोहर हैं।

Important Points

कृष्णानंद व्यास-

  • कृष्णानंद व्यास की रचनाएँ 'राग कल्पद्रुम' तथा 'राग रत्नाकर' में संग्रहित हैं।

शंकरलाल शुक्ल-

  • जन्म- 1913 ई.  

माधव शुक्ल-

  • जन्म- 1881- 1943 ई. 
  • इनकी राष्ट्रीय कविताओं के दो संग्रह 'भारत गीतंजलि' और 'राष्ट्रीय गान' जब प्रकाशित हुए तो हिंदी पाठकवर्ग ने उनका सोत्साह स्वागत किया।
  • बहुत इधर आकर भारत और चीन में युद्ध छिड़ने पर इनकी राष्ट्रीय कविताओं का संकलन 'उठो हिंद संतान' नाम से प्रकाशित हुआ था।
  • इन्होंने जौनपुर और लखनऊ में नाटक मंडलियाँ स्थापित की थीं अैर कलकत्ते में हिंदी-नाट्य-परिषद् की प्रतिष्ठा की थी। 

इनमें से कौन-सा कवि 'फूल बाबू' के नाम से भी जाना जाता है? 

  1. सुमित्रानंदन पन्त
  2. केदारनाथ अग्रवाल
  3. राजकमल चौधरी
  4. केदारनाथ सिंह

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : राजकमल चौधरी

प्रमुख रचनाकार Question 14 Detailed Solution

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राजकमल चौधरी कवि 'फूल बाबू' के नाम से भी जाना जाता है

Key Pointsराजकमल चौधरी-

  • जन्म- 1931 ई.
  • उपन्यास-
    • नदी बहती थी(1962)
    • शहर था शहर नहीं था(1966)
    • बीस रानियों के बाइस्कोप (1972)
    • अग्निस्नान (1978)
    • देहगाथा
    • एक अनार एक बीमार
    • ताश के पत्तों का शहर आदि।

Important Pointsसुमित्रानंदन पंत-

  • जन्म-1900-1977 ई. 
  • छायावादी युग के प्रमुख स्तंभ है। 
  • काव्य रचनाएँ-
  • छायावादी-
    • ग्रंथि(1920 ई.)
    • पल्लव(1926 ई.)
    • वीणा(1927 ई.) 
    • गुंजन(1932 ई.) 
  • प्रगतिवादी-
    • युगान्त(1936 ई.)
    • युगवाणी(1939 ई.) 
    • ग्राम्या(1940 ई.)
  • अरविन्द दर्शन से प्रभावित- 
    • स्वर्ण किरण(1947 ई.)
    • स्वर्णधूलि(1947 ई.)
    • युगांतर(1948 ई.)
    • युगपथ(1949 ई.)
  • नवमानवतावादी-
    • उत्तरा(1949 ई.)
    • रजतशिखर(1952 ई.)
    • शिल्पी(1952 ई.)
    • अतिमा(1955 ई.) 
    • कला और बूढ़ा चाँद(1959 ई.)
    • लोकायतन(1964 ई.) आदि। 

केदारनाथ अग्रवाल-

  • जन्म-1911-2000 ई. 
  • प्रगतिवाद के महत्त्वपूर्ण कवि है। 
  • काव्य रचनाएँ-
    • युग की गंगा(1947 ई.)
    • लोक और आलोक(1957 ई.)
    • फूल नहीं रंग बोलते हैं(1965 ई.)
    • गुलमेहंदी(1978 ई.)
    • पंख और पतवार(1979 ई.) आदि। 

केदारनाथ सिंह-

  • जन्म-1934-2018 ई. 
  • तीसरा सप्तक के महत्तवपूर्ण कवि है। 
  • रचनाएँ-
    • अभी बिल्कुल अभी (1960 ई.)
    • जमीन पक रही है(1980 ई.)
    • यहाँ से देखो(1983 ई.)
    • बाघ(1996 ई.)
    • अकाल में सारस(1988 ई.)
    • उत्तर कबीर और अन्य कविताएँ(1995 ई.)
    • तालस्ताय और साइकिल(2005 ई.) आदि।

'एक भारतीय आत्मा' के नाम से कविता की रचना किसने की?

  1. सोहनलाल द्विवेदी
  2. बालकृष्ण शर्मा 'नवीन'
  3. माखनलाल चतुर्वेदी
  4. मैथिलीशरण गुप्त

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : माखनलाल चतुर्वेदी

प्रमुख रचनाकार Question 15 Detailed Solution

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'एक भारतीय आत्मा' के नाम से कविता की रचना की- माखनलाल चतुर्वेदी

Key Pointsमाखनलाल चतुर्वेदी-

  •  1889-1968
  • ये राष्ट्रीय सांस्कृतिक धारा के कवि है।
  • एक भारत की आत्मा के नाम से 'माखनलाल चतुर्वेदी' कविताएँ लिखते थे |
  • इनकी प्रमुख कविताः-
    • कैदी और कोकिल, पुष्प की अभिलाषा है। 
  • प्रमुख रचनाएँः-
    • हिमकिरीटिनी (1943)
    • हिमतरंगिनी (1949)
    • माता(1951)
    • समर्पण (1956)।

Important Pointsसोहनलाल द्विवेदी-

  • हिन्दी के प्रसिद्ध कवि थे।
  • रचनाएँ-
    • युगावतार
    • गांधी
    • खादी गीत
    • गाँवों में किसान
    • दांडीयात्रा आदि। 

बालकृष्ण शर्मा 'नवीन'-

  • जन्म-1897-1960 ई. 
  • रचनाएँ-
    • कुंकुम(1939 ई.)
    • अपलक(1951 ई.)
    • रश्मि रेखा(1951 ई.)
    • क्वासि(1952 ई.)
    • विनोबा स्तवन(1951 ई.) आदि। 

मैथिलीशरण गुप्त-

  • जन्म-1886-1964 ई. 
  • रचनाएँ-
    • पंचवटी(1925 ई.)
    • साकेत(1931 ई.)
    • यशोधरा(1932 ई.)
    • विष्णु प्रिया(1957 ई.) आदि। 
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