व्यवहार प्रक्रिया संहिता, 1908 का कौनसा प्रावधान उपबंधित करता है कि स्थानीय अथवा धन संबंधित क्षेत्राधिकार के बारे में आपत्ति प्रथम उपलब्ध अवसर पर ही उठानी होगी?

  1. धारा 10
  2. धारा 11 
  3. धारा 20
  4. धारा 21

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : धारा 21

Detailed Solution

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सही उत्तर विकल्प 4 है। Key Points 

  • सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 की धारा 21 अधिकार क्षेत्र पर आपत्तियों से संबंधित है।
  • किसी अपीलीय या पुनरीक्षण न्यायालय द्वारा वाद दायर करने के स्थान के संबंध में तब तक कोई आपत्ति स्वीकार नहीं की जाएगी जब तक कि ऐसी आपत्ति प्रथम दृष्टया न्यायालय में यथाशीघ्र न की गई हो और उन सभी मामलों में जहां मुद्दों का निपटारा ऐसे समझौते के समय या उससे पहले हो गया हो, और जब तक कि परिणामस्वरूप न्याय में असफलता न हुई हो।
  • किसी न्यायालय की अधिकारिता की आर्थिक सीमाओं के संदर्भ में उसकी क्षमता के बारे में कोई भी आपत्ति किसी अपीलीय या पुनरीक्षण न्यायालय द्वारा तब तक स्वीकार नहीं की जाएगी जब तक कि ऐसी आपत्ति प्रथम अवस्था के न्यायालय में यथाशीघ्र संभव अवसर पर नहीं की गई हो, और उन सभी मामलों में जहां मुद्दों का निपटारा हो चुका है, ऐसे निपटारे के समय या उससे पूर्व, और जब तक कि परिणामस्वरूप न्याय में असफलता न हुई हो।
  • किसी अपीलीय या पुनरीक्षण न्यायालय द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र की स्थानीय सीमाओं के संदर्भ में निष्पादन न्यायालय की क्षमता के बारे में कोई आपत्ति तब तक स्वीकार नहीं की जाएगी जब तक कि ऐसी आपत्ति निष्पादन न्यायालय में यथाशीघ्र संभव अवसर पर नहीं उठाई गई हो, और जब तक कि परिणामस्वरूप न्याय में कोई विफलता न हुई हो।

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