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Download Solution PDF"निराला हिंदी साहित्य में नए मानवतावाद के प्रतिष्ठापक हैं।" यह कथन किसका है ?
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MPPSC Assistant Prof 2022 (Hindi) Official Paper-II (Held On: 28 Jan, 2024)
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Option 1 : रामविलास शर्मा
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MPPSC Assistant Professor UT 1: MP History, Culture and Literature
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Download Solution PDF"निराला हिंदी साहित्य में नए मानवतावाद के प्रतिष्ठापक हैं।" यह कथन है - रामविलास शर्मा
Key Points
- यह कथन रामविलास शर्मा का है। उन्होंने अपनी पुस्तक "निराला की साहित्य साधना" में निराला को हिंदी साहित्य में नए मानवतावाद का प्रतिष्ठापक बताया है।
- सूर्यकान्त त्रिपाठी "निराला" आधुनिककाल के मानवीय दृष्टिकोण से ओतप्रोत, पौरूष काव्य के प्रतिनिधि कवि हैं ।
- छायावाही कवियों में अपने विद्रोहात्मक एवं मानवतासभर व्यक्तित्व के कारण वे अलग ही दिखते है ।
Important Pointsरामविलास शर्मा-
- (10 अक्टूबर 1912- 30 मई 2000 )
- आधुनिक हिन्दी साहित्य के सुप्रसिद्ध आलोचक, निबंधकार, विचारक एवं कवि थे।
- साहित्यिक आलोचना-
- 'प्रेमचन्द और उनका युग' (1953 ई.)
- 'निराला' (1946 ई.)
- 'भारतेन्दु हरिश्चन्द्र' (1954 ई.)
- 'प्रगति और परम्परा' (1954 ई.)
- 'भाषा साहित्य और संस्कृति' (1954 ई.)
- 'भाषा और समाज' (1961 ई.)
- 'निराला की साहित्य साधना' (1969 ई.)
Additional Informationदूधनाथ सिंह-
- (17 अक्टूबर 1936 - 12 जनवरी 2018)
- एक भारतीय हिंदी भाषा के लेखक, आलोचक और कवि थे।
- आलोचना -
- निराला: आत्महंता आस्था ( निराला: आत्महंता आस्था )
- महादेवी ( महादेवी )
- मुक्तिबोध : साहित्य में नई प्रवृत्तियां।
नन्दकिशोर नवल-
- (जन्म 2 सितंबर 1937 - निधन 12 मई 2020)
- हिन्दी साहित्य में मार्क्सवादी चेतना सम्पन्न शीर्षस्थ आलोचकों में से एक के रूप में मान्य रहे हैं।
- आलोचना-
- कविता की मुक्ति (समीक्षात्मक निबंध संग्रह ) - 1980 ई.
- हिन्दी आलोचना का विकास - 1981 ई.
- महावीर प्रसाद द्विवेदी (विनिबन्ध) - 1981 ई.
- प्रेमचन्द का सौन्दर्यशास्त्र - 1982 ई.
- शब्द जहाँ सक्रिय हैं - 1983 ई.
- यथाप्रसंग ‐ 1992 ई.
- निराला और मुक्तिबोध : चार लम्बी कविताएँ - 1993 ई.।
बच्चन सिंह-
- (2 जुलाई 1919 - 5 अप्रैल 2008)
- एक हिन्दी साहित्यकार, आलोचक एवं इतिहासकार थे।
- हिन्दी साहित्य में बच्चन सिंह की ख्याति सैद्धान्तिक लेखन के क्षेत्र में असंदिग्ध है।
- आलोचना -
- क्रान्तिकारी कवि निराला - 1947 ई.
- भारतेंदु की कविता - 1951 ई.
- बिहारी का नया मूल्यांकन-1957 ई.
- आलोचक और आलोचना-1970 ई.
- हिंदी आलोचना के बीज शब्द- 1983
- आचार्य शुक्ल का इतिहास पढ़ते हुए- 1989 ई.
- निराला का काव्य- 2005 ई.
- निराला काव्य कोश- 2008 ई. ।
Last updated on Jul 7, 2025
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