Question
Download Solution PDFआगमनविधेः प्रथमं सोपानम् अस्ति-
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFप्रश्नानुवाद - आगमन विधि का प्रथम सोपान है-
स्पष्टीकरण - आगमन विधि का प्रयोग व्याकरण शिक्षण में अधिकांशतः होता है। इस विधि का प्रथम सोपान उदाहरण प्रस्तुत करना है। इस विधि में उदाहरण को प्रस्तुत करते हुए नियमों को स्पष्ट किया जाता है। भाषा शिक्षण की अनेकों शिक्षण विधियाँ है, जिनमें से आगमन विधि एक है।
आगमन पद्धति उस विधि को कहते हैं, जिसमें विशेष तथ्यों, उदाहरणों तथा घटनाओं के निरीक्षण तथा विश्लेषण द्वारा सामान्य नियमों अथवा सिद्धान्तों का निर्माण किया जाता हैं। इस विधि में ज्ञात से अज्ञात की ओर, विशिष्ट से सामान्य की ओर तथा मूर्त से अमूर्त की ओर शिक्षण सूत्रों का प्रयोग किया जाता हैं।
- यह तर्क पर आधारित है कि अगर किसी विशेष मामले के लिए कुछ सच है और उचित रूप से पर्याप्त संख्या में मामलों के लिए सच है, तो यह ऐसे सभी मामलों के लिए सही है।
- यह सीखने वाले को समान उदाहरणों में सामान्य तत्वों को देखकर और सामान्यीकृत कथन या नियम पर पहुंचने की वजह से विकसित करने में मदद करता है।
आगमन पद्धति के सोपान:-
- उदाहरणों की प्रस्तुतीकरण
- विश्लेषण
- सामान्यीकरण
- परीक्षण
आगमन पद्धति के लाभ:-
- यह एक मनोवैज्ञानिक विधि है, जो बालकों को नवीन ज्ञान को खोजने का प्रशिक्षण देता है और उन्हें जीवन में नए नए तथ्यों को खोज निकालने के लिए सदैव प्रेरित करता रहता है।
- इसमें ज्ञात से अज्ञात की ओर तथा सरल से जटिल की ओर चलकर मूर्त उदाहरणों द्वारा बालकों से सामान्य नियम निकलवाए जाते हैं, जिससे वे सक्रिय तथा प्रसन्न रहते हैं ज्ञानार्जन हेतु उनकी रुचि निरंतर बनी रहती है एवं उनमें रचनात्मक चिंतन, आत्मविश्वास आदि अनेक गुण विकसित हो जाते हैंl
- इसमें बालक को सीखने के प्रत्येक सोपान को पार करना पड़ता है, जिससे शिक्षण प्रभावशाली बन जाता हैl
- इसमें बालक उदाहरणों का विश्लेषण करते हुए सामान्य नियमों एवं सिद्धान्तों को स्वयं निकालते हैं, जिससे उनका मानसिक विकास सफलतापूर्वक हो जाता है और विद्यार्थियों में रटनाभ्यास का अभाव होता हैl
- इस विधि में बालक सक्रिय भूमिका निभाते हैंl अतः ज्ञान उनके मस्तिष्क का अस्थाई अंग बन जाता हैl
- यह विधि एक प्राकृतिक विधि हैl अतः व्यवहारिक जीवन के लिए अत्यंत लाभप्रद हैl
अतः कहा जा सकता है कि आगमन विधि का प्रथम सोपान उदाहरण प्रस्तुत करना है।
Last updated on Jul 19, 2025
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