भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA), 2023 की धारा 96 के अनुसार, जब किसी दस्तावेज़ में अस्पष्ट या दोषपूर्ण भाषा हो तो क्या करने की अनुमति नहीं है?

  1. दस्तावेज़ में अस्पष्ट शब्दों को स्पष्ट करने के लिए साक्ष्य दिया जा सकता है।
  2. ऐसे तथ्य दिखाने के लिए साक्ष्य दिए जा सकते हैं जो दस्तावेज़ का अर्थ स्पष्ट करें या उसके दोषों को दूर करें।
  3. दस्तावेज़ का उपयोग करने से पहले उसमें अस्पष्टताएं दूर करने के लिए संशोधन किया जाना चाहिए।
  4. किसी अस्पष्ट या दोषपूर्ण दस्तावेज़ का अर्थ बताने या उसमें दोष भरने के लिए साक्ष्य नहीं दिया जा सकता।

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Option 4 : किसी अस्पष्ट या दोषपूर्ण दस्तावेज़ का अर्थ बताने या उसमें दोष भरने के लिए साक्ष्य नहीं दिया जा सकता।

Detailed Solution

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सही उत्तर विकल्प 4 है।

मुख्य बिंदु किसी अस्पष्ट या दोषपूर्ण दस्तावेज़ का अर्थ बताने या उसमें दोष भरने के लिए साक्ष्य नहीं दिया जा सकता।

  • धारा 96 में कहा गया है कि जब किसी दस्तावेज की भाषा अस्पष्ट या दोषपूर्ण हो, तो उसका अर्थ स्पष्ट करने या किसी त्रुटि को दूर करने के लिए साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया जा सकता।
  • इससे यह सुनिश्चित होता है कि दस्तावेज़ वैसा ही बना रहे जैसा वह है, तथा साक्ष्य के माध्यम से उसकी अस्पष्टता को स्पष्ट करने या सुधारने का कोई बाहरी प्रयास न किया जाए।

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